रामायण के सातों कांड


रामायण की पूरी गाथा सात कांड मे बिभाजित किया  गया है | जिसके रचयिता श्री वाल्मीकि जी है |

हमारे भारतीय संस्कृति  में रामायण की उपयोगिता को नकारा नहीं जा सकता। इस महाग्रंथ के एक-एक किरदार हमें जिंदगी में सत्य एवं नेक रास्ते पर चलने के लिए प्रेरित करते हैं। शायद यही वजह है कि आज रामायण को इतने आदर एवं श्रद्धा से देखा जाता है। आइये हम जानते है की हमारे के सातो कांड के बारे मे |
कांड:-

1-बाल कांड:-

बाल  कांड सबसे पहला कांड आता है रामायण का इसमे  प्रभु श्री राम के बाल्य वस्था का उलेक्ख किया गया है |रामायण की शुरुवात इसी अध्याय से होती है। अयोध्या नरेश दसरथ के घर राम एवं उनके भाइयों का जन्म तथा बचपन में उनके तमाम किस्से कहानियों को संग्रहित करती बाल कांड में राम के बाल्य काल के ऊपर छवि डाली गयी है।


2:-अयोध्या कांड :- 
अयोध्या कांड मे बाल्य अवस्था से निकल कर प्रभु श्री राम व उनके भाइयो के समस्त लीलाओ का उलेक्ख है जैसे की ,स्वयं ऋषि विस्वामित्र जी आए अयोध्या क्योकि उनके यज्ञ मे बाधा डालने वाले कुछ राक्षस उनका यज्ञ पूरानहीं होने देते है तो ओ स्वयं श्री राम को लेने अपने साथ अयोध्या आते है ,ताकि ओ चले और उन राक्षसो का वध कर उनका  यज्ञ पूर्ण करे |
और वही से श्री राम और लक्ष्मण ऋषि विश्वामित्र के साथ जनक पूरी के लिए प्रस्थान करते है माता सीता का स्वयंवर तथा धनुस भंग केआर माता सीता के विवाह और वही चारो भाइयो का भी विवाह होता है |
इसी के साथ माता सीता प्रभु श्री राम के साथ अयोध्या आती है | इसी अध्याय के अंत मे कैकई द्वारा श्री राम को 14 वर्ष का वनवाश तथा अपने पुत्र भरत को राज शिंघासन का वचन अपने पति दशरथ जी से मांगती है |
कैकई के वचनानुसार श्री राम लक्ष्मण व सीता तीनों 14 वर्ष के वनवास के लिए निकल जाते है|


3.अरण्य कांड:-

माता कैकई के वचनानुसार राम सीता व लक्ष्मण वन चले जाते है | वन मे उनकी ज़िंदगी बहुत ही कठनाइयों से बीतता है |तथा इसी बीच रावण का छलपूवर्क माता सीता को हरण केआर ले जाता है| और श्री राम लक्ष्मण पूरे जंगल मे उनको ढूंढते है परंतु उनका कुछ  पता नहीं चलता है|


4.किस्किंधा कांड:-

माता सीता के रावण द्वारा हरण होने के बाद राम व लक्ष्मण ढूंढते ढूंढते किस्किंधा नगरी  पहुचते है जहा उनकी भेट भक्त हनुमान जी और सुग्रीव से होती है तथा समस्त  वानर सेना से भी होती है |
 इस कांड मे श्री राम द्वारा बाली वध तथा सुग्रीव को राज सिंहासन मिलता है,और इसके पश्चात माता सीता की खोज होती है|


5.सुंदर कांड:-

अपने भक्त हनुमान एवं तमाम वानर सेना के साथ सीता की खोज में लंका की ओर प्रस्थान के बारे में बताते इस काण्ड में ही विभीषण से राम की मुलाकात के बारे में बताया गया है। ऐसे में हनुमान भी माता सीता से मुलाकात कर ये सुनिश्चित कर देते हैं कि सीता माता कहीं और नहीं बल्कि लंकेश के ही कब्जे में हैं।



6.लंका कांड /युद्ध कांड:-

रामायण का शायद सबसे सुखद अध्याय जिसमे कि प्रभु राम का अपनी सीता से मिलन होता है। समस्त असुरों एवं रावण का वध कर सीता को रावण के कैद से छुड़ा राम एवं समस्त सेना खुशी-खुशी अयोध्या लौटते हैं। अयोध्या वासी राम का स्वागत करने हेतु अपने घर में दीप जला दीपावली की शुरुआत करते हैं।


7.उत्तर कांड:-

 राम की ताजपोशी, राम राज्य की स्थापना, लभ एवं कुश का जन्म, सीता की अग्नि परीक्षा, माँ सीता का जमीन में समा जाना एवं राम की जल समाधी को अंकित करते इस अध्याय से रामायण का अंत होता है।

                  
                                                                 ||जय श्री राम ||

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